लैटेंसी क्या है और क्यों होता है – What is Latency In Hindi

इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि-

  • लेटेंसी क्या है ?
  • लैटेंसी क्यों होता है ?
  • लैटेंसी कितने प्रकार की होती है ?
  • लेटेंसी को कैसे कम किया जाता है ?
  • लेटेंसी होने के कारण क्या हैं आदि।

मेरे दोस्त आपने अक्सर सुना ही होगा कि लेटेंसी जितना कम होगा, उतना ही अच्छा होगा। जैसे कि 5G में लेटेंसी बहुत ही कम है, लगभग 1 मिली सेकंड, 3G में लगभग 150 से 200 मिली सेकंड, 4G में लगभग 50 से 60 मिली सेकंड होता है ।

लैटेंसी क्या है - What is latency in hindi
लैटेंसी क्या है – What is Latency in hindi

दैनिक जीवन में हम लोग रोज लेटेंसी देखते हैं जैसे कि –

  • जब आप Game खेलते हैं तो मोबाइल थोड़ा Slow चलता है या
  • आप जब किसी Website पर जाकर कुछ Search करते हैं तो जो आपने Search किया है, वह आपके Webpage पर Server से आने में थोड़ा समय लेता है ।
  • या जब आप टीवी में न्यूज़ देख रहे होते हैं, तो जब कोई बोलता है तो दूसरे तक थोड़ी देर में आवाज आती है और वह थोड़ी देर बाद प्रश्न का उत्तर देता है ।

यह सब घटनाएं सामान्य रूप से देखने को मिलती रहती हैं और यह सब लेटेंसी के कारण ही होता है

तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल लेटेंसी क्या है, लेटेंसी के प्रकार, लेटेंसी को कैसे कम करें और लेटेंसी के क्या कारण है, आदि इन सब प्रश्नों के उत्तर इस आर्टिकल के माध्यम से मैं आपको दूंगा ।

लैटेंसी क्या है ?

What Is Latency in hindi

सामान्य भाषा में आपको बताऊं कि लेटेंसी क्या है और Latency क्यों होता है (Latency Kya Hai Aur Latency Kyon Hota Hai) लेटेंसी का मतलब  होता है, कि जब भी आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर से इनपुट देते हैं और इनपुट देने के बाद आउटपुट मिलने में जो समय लगता है वही लगा हुआ समय लेटेंसी कहलाता है । Latency को मिली सेकंड में मापा जाता है ।

उदाहरण-

माना जब आपने मोबाइल या कीबोर्ड में कुछ टाइप किया तो मोबाइल या कंप्यूटर पर जो आउटपुट मिला तो उसे टाइपिंग करने के बाद कुछ मिली सेकंड में आउटपुट मिलता है, यही मिली सेकंड में हुई देरी को लेटेंसी कहते हैं ।

जैसे कि ऊपर बताया गया है कि लेटेंसी Gaming में Voice Calling में या Video Calling में या सेटेलाइट फोन में लेटेंसी ज्यादा देखने को मिलती है । न्यूज़ चैनल में आपने लाइव देखा ही होगा जब डिबेट चल रही होती है तो एक दूसरे की आवाज थोड़ी देर में पहुंचने के बाद ही Reply आता है ।

लेटेंसी क्यों होता है ?

टेक्नोलॉजी किस दुनिया में Devices एक दूसरे से Connect रहती हैं और एक दूसरे से Communication, नेटवर्क के माध्यम से करती हैं ।

आपको बता दें कि Latency मुख्य रूप से Network माध्यम और Devices सहित कुछ अन्य चीजों के कारण भी होती है ।

Latency होने के कारण बताएं ?

  1. डाटा ट्रांसमिशन माध्यम

अलग-अलग Transmission माध्यम में लेटेंसी अलग-अलग होती है जैसे OFC (Optic Fiber Cable) में Latency कम होती है जबकि पुराने Copper Wire में Latency ज्यादा होती है । जिस कारण, डाटा को एक जगह से दूसरी जगह, Transmission करने में अलग-अलग समय लगता है।

  1. राउटर (Router)

अलग-अलग Router में Data को Process होने में अलग-अलग समय लगता है, अच्छे Router से आने वाला Data जल्दी ही प्रोसेस हो जाता है और लेटेंसी कम हो जाती है और एक Router से दूसरे Router तक Data जाने में कुछ समय लग जाता है, जिस कारण लेटेंसी बढ़ जाती है ।


  1. स्टोरेज  Delay

पहले से Store किया हुआ Data भी लेटेंसी को बढ़ावा देता है क्योंकि जब कुछ डाटा जो कि Server में पड़ा है, पहले उसको सूचना मिलेगी, बाद में डाटा को निकालने में समय लगेगा, जिसका लेटेंसी में बढ़ोतरी होगी ।


  1. प्रोपेगेशन (दूरी)

जब दो कम्युनिकेशन Node के बीच की दूरी, अधिक होती है तो भी लेटेंसी अधिक होती है । सैद्धांतिक रूप से अगर बात करें तो कोई भी डाटा पूरे विश्व में एक Round Trip करने में लगभग 132 मिली सेकंड की लेटेंसी होती है ।

लेकिन वास्तविक रूप से डाटा के एक Round Trip करने में इससे भी ज्यादा समय लगता है, लेकिन नेटवर्क Backbone के माध्यम से Direct, कनेक्ट होने पर लेटेंसी को कम किया जा सकता है ।

लेटेंसी को कैसे कम किया जाता है ।

जैसा कि ऊपर कारण में बताया गया है उन Component में अच्छे से अच्छे Component के उपयोग करके यानी Device और Network के लिए अच्छा वाला डाटा ट्रांसमिशन माध्यम का चुनाव करके लेटेंसी को कम किया जाता है ।

आपको बता दें कि कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN)   प्रदाता जैसे कि StackPath द्वारा ग्राहकों को एक निजी नेटवर्क (Private Network) देता है जो कि ग्राहकों को सार्वजनिक इंटरनेट को Bypass करने की अनुमति देता है और निजी नेटवर्क के माध्यम से डाटा पैकेट एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए ट्रांसमिशन का अच्छा माध्यम प्रदान करता है और इस प्रकार लेटेंसी को कम किया जाता है । अच्छा राउटर भी लेटेंसी को बढ़ाने में मदद करता है ।

लेटेंसी पता करने के तरीके कौन से हैं ।

1 . जब आप कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो वेबसाइट को खोलने में कुछ समय लगता है ।

2. Server या Web आधारित Application को Access करने में समय लगता है।

  1. जब आप मैसेज या ईमेल को Attach करते हैं तो Send होने में समय लगता है ।

4.  लेटेंसी को पता करके और कम करके आप कम समय में अधिक से अधिक और अच्छा काम कर सकते हैं ।

लेटेंसी के प्रकार बताएं

Different types of Types Of Latency in hindi

1. ऑडियो और वीडियो लेटेंसी (Audio And Video Latency)

आपने न्यूज़ चैनल पर देखा ही होगा, जब कोई रिपोर्टर Live रिपोर्ट करता है या डिबेट के दौरान आपने देखा ही होगा, जब Studio में कोई एंकर, संवाददाता से कोई सवाल कर रहा होता है तो दोनों के बीच में कुछ देरी के बाद आवाज पहुंचती है क्योंकि बातचीत करने में पहले सिग्नल, सैटेलाइट या टावर में जाता है फिर बाद में सेटेलाइट या टावर से वही सिग्नल, दूसरे (श्रोता) तक पहुंचता है ।

इस प्रकार सिग्नल के आने और जाने में कुछ समय लगता है जिसे लेटेंसी कहते हैं, सिग्नल काफी दूरी तक पहुंचने एवं प्रोसेसिंग करने में भी समय लेता है ।

जैसा कि आपको पता है Voice की स्पीड जल, वायु और ठोस माध्यम में अलग-अलग होती है । टेक्नोलॉजी में ऑडियो लेटेंसी का मुख्य कारण, एनालॉग सिगनल से डिजिटल सिगनल और डिजिटल सिग्नल से एनालॉग सिगनल में बदलने के कारण होता है ।

2. फाइबर ऑप्टिक लेटेंसी (Fiber Optic Latency)

पुराने कॉपर Wire की तुलना में OFC (Optic Fiber Cable) में कम लेटेंसी होती है क्योंकि वह OFC में Signal एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में प्रकाश की चाल से जाता है, लेकिन OFC में कटने, मुड़ने या Cable कटने के बाद Cable में आई नमी के कारण Latency को बढ़ावा मिलता है ।डि

3. डिस्क लेटेंसी (Disk Latency)

डिस्क की स्पीड, लेटेंसी को प्रभावित करती है । डिस्क की अलग-अलग स्पीड होने पर लेटेंसी भी अलग अलग होगी । आपको बता दें कि SSD, Traditional HDD की तरह Rotate नहीं करते हैं, इसलिए उसमें कम लेटेंसी होती है ।

4 . रैम लेटेंसी (RAM Latency)

अलग-अलग प्रकार की RAM भी Latency  को  प्रभावित करती है ।

RAM की Speed निकालने का फार्मूला-

Latency (m.s.मे) = CL X 2000 / Data Rate

इस फार्मूले की मदद से आप RAM की Latency निकाल कर आप कम लेटेंसी वाली रैम का पता कर पाएंगे ।

5. सीपीयू लेटेंसी (CPU Latency)

जब आपकी बोर्ड में कुछ टाइप करते हैं तो आपको आउटपुट मिलने में कुछ मिली सेकंड का समय लगता है हे लेटेंसी के कारण जब आप इनपुट देते हैं तो पहले वह प्रोसेसर के पास जाता है प्रोसेसर उसको प्रोसेस  करता है कि इस इनपुट का क्या करना है और क्या रिजल्ट देना है तो मिली सेकंड का लगा समय लेटेंसी कहलाता है ।

दोस्तों, हमारा ये आर्टिकल, लेटेंसी क्या है ? (What Is Latency In Hindi), लैटेंसी क्यों होता है, Latency कितने प्रकार की होती है, लेटेंसी को कैसे कम किया जाता है ? लेटेंसी होने के कारण क्या हैं आदि।

और लेटेंसी होने के बारे में जो भी हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताया है कैसा लगा, अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा हो या आपको इस आर्टिकल में कुछ ज्ञान मिला हो तो आप इसको Share भी कर सकते हैं और अपने दोस्तों को Latency के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से जानकारी भी से सकते हैं ।

अगर इस टॉपिक के बारे में आपको कोई भी Doubt है तो आप नीचे Comment के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं ।

 

 

3 thoughts on “लैटेंसी क्या है और क्यों होता है – What is Latency In Hindi”

  1. Best
    😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀

    Reply
    • name Jag
      mein ek silai ka kam karta hun meri family mein 4 log Hain

      Reply

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