दोस्तों आपने Phishing या ऑनलाइन धोखाधड़ी शब्द सुना ही होगा एवं हो सकता है कभी कभी आपको Phishing वाला झूठा SMS भी आया हो कि आपके अकाउंट में इतने हजार रु. क्रेडिट किए गए हैं, अभी पानी के लिए लिंक पर क्लिक करें,
इस प्रकार लोगों को लालच देकर है हैकर phishing करते हैं । तो आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ऑनलाइन फिशिंग क्या होता है ऑनलाइन फिशिंग से कैसे बचा जाए एवं phishing से संबंधित बहुत सी जानकारी आपको दी जाएगी ।
ऑनलाइन फिशिंग क्या होता है- What is online phishing in hindi
Phishing मतलब भ्रमित करके किसी को फंसाना । दोस्तों आपने अक्सर ऐसे Email या SMS जरूर देखे होंगे, जिसमें Link होते हैं एवं ईमेल या S.M.S., किसी बैंक विभाग या किसी कंपनी के असली मैसेज जैसा दिखता है ।
अब अगर कोई व्यक्ति उसमें दिए हुए लिंक पर क्लिक करता है, तो वह किसी वेबसाइट पर पहुंच जाता है जो देखने में बिल्कुल उस असली संस्थान से मिलती-जुलती Website लगती है ।
लिंक पर क्लिक करने पर आपके डिवाइस में ऑटोमेटिक कोई Malware यानी वायरस डाउनलोड हो जाता है या फिर आपके बैंक अकाउंट डिटेल, डेबिट कार्ड डिटेल, क्रेडिट कार्ड डिटेल या आपको लॉग इन करने को बोला जाएगा, इस प्रकार आपसे कोई भी गोपनीय सूचना मांगी जाएगी ।
यह गोपनीय सूचना डालने पर वह है हैकरो के हाथ लग जाती है, अब वह आपके बैंक अकाउंट से सारा धन निकालने के लिए स्वतंत्र है । ऐसी ही अज्ञात लिंक पर क्लिक करने पर आपके डिवाइस में कुछ Malware या तो स्वतः ही Download हो जाएगा या फिर आपको लालच देकर कुछ डाउनलोड करने को कहा जाएगा ।
मालवेयर डाउनलोड हो जाने पर आपके डिवाइस में जो भी ईमेल अकाउंट लॉगिन होंगे उन पर हैकरों का अधिकार हो जाता है और आपके डिवाइस की गैलरी सहित पूरे डाटा पर अधिकार कर लेते हैं ।
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फिशिंग से कैसे बचा जाए – How to escape from online phishing
फिशिंग से बचने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी पड़ेगी जिनको हमने नीचे समझाया है
1. आपको आने वाले Email, S.M.S. या सोशल मीडिया से आने वाली लिंक पर क्लिक किसी भी प्रकार से Click ना करें और आने वाले इन लिंक को हमेशा शक की नज़र से देखें ।
2. ऐसे Link में लालच दी जा सकती है, लालच में ना जाएं, लालच से बचे । कभी-कभी आपने S.M.S. देखे होंगे, जिनमें लिखा होगा कि आपने इतने रुपए जीते हैं या आपके खाते में इतने रुपए क्रेडिट कर दिए गए हैं, अभी पाने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें तो दोस्तों आपको SMS या लिंक पर किसी भी हालत मे क्लिक नहीं करना है ।
3. संबंधित कंपनी की अधिक जानकारी पाने के लिए गूगल में क्रॉस Check कर ले क्योंकि हैकर असली कंपनी से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर ठगी करते हैं ।
4. लालच देने वाले ऑफर से बचे ।
5. हैकर, फिल्ट्रेशन से बचने के लिए भेजे गए ईमेल में भाषा एवं वर्तनी में कुछ अशुद्धियां करते हैं । इन भाषा एवं वर्तनी को पता करके भी आप फिशिंग ईमेल एवं SMS का पता कर सकते हैं ।
6. यदि आप किसी Link का Source पता करना चाहते हैं तो लिंक पर कर्सर ले जाएं लेकिन उस पर क्लिक न करें, Curser ले जाते ही संदिग्ध लिंक का Source पता चल जाएगा । Link Title और Source में अंतर होने पर आपको पता चल जाएगा कि लिंक किस कारण भेजा गया है ।
7. अपने डिवाइस के एंटीवायरस को हमेशा अपडेट रखें ।
8. किसी भी लिंक पर आंख मूंदकर Click ना करें और हमेशा शक की नजर से देखें ।
9. संदिग्ध लिंग का रिपोर्ट करने के लिए ईमेल के साइड में तीन बिंदु पर क्लिक करके, Spam रिपोर्ट करें ।
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Phishing से सम्बन्धित कुछ बहुचर्चित मामले
2015 में यूक्रेन में ब्लैक आउट रहा जो 3 बिजली वितरण कंपनियों के कर्मचारियों को निशाना बनाकर 6 घंटे यूक्रेन के कुछ इलाकों में अंधेरा रखा ।
अमेरिकी चुनाव 2016 में जॉन पोडेस्टा (हिलेरी क्लिंटन के अभियान प्रमुख) का जीमेल अकाउंट का पासवर्ड ढूंढ लिया ।
पुणे के Symbiosis Medical College for Women की नकली Website बनाकर NRI कोटे से पेमेंट का मामला सामने आया ।
मुंबई में फेंक सरकारी वेबसाइट की क्लोनिंग हुई ।
हैकरों द्वारा 2014 में सोनी पिक्चर्स के कर्मचारियों का LinkedIn प्रोफाइल द्वारा Data Collect करके , Malware से भरे ईमेल भेजें जिससे कंपनी को 100 TB डाटा लीक हो गया लीक हो गया जिससे 730 करोड़ का नुकसान हुआ ।
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